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Wednesday, November 19, 2014

मुझ से आपको

मुझ से आपको इतनी नफरत हो गयी थी.


23.06.99

शाहिद आप वहां

शाहिद आप वहां पर अकेले हो वहां पर कोई भी आपका ख्याल रखने वाला नहीं है.

मैं तुम्हें अपनी

मैं तुम्हें अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करती हूँ.

मुझे तो आपके

मुझे तो आपके गुस्से से भी प्यार है .

- नीी

जिस दिन मुझे

जिस दिन मुझे आपसे जुदा होकर रहना पड़े , ऐसी ज़िन्दगी जीने से पहले ही मुझे मौत आ जाये.

आप के बगैर

आप के बगैर ज़िन्दगी नहीं सिर्फ बद्दुआ बनकर रह जाएगी.

- अनी

जब कोई मुझे

जब कोई मुझे या आपको किसी और से बंधन में बाँधने की बात करता है तो ऐसा लगता है कि इस दुनिया को ही छोड़ दो.

'अजनबी' हम दोनों

'अजनबी' हम दोनों जिस रास्ते पर चल रहे हैं, वहां मंज़िल भी है या नहीं.

मुझे सपने में

मुझे सपने में तुम्हारे साथ रहना बहुत अच्छा लगता है.

अपनी ज़िन्दगी में

अपनी ज़िन्दगी में कभी लड़ाई न हो , बस प्यार ही प्यार हो.


25.03.2000


मेरे शाहिद

मेरे शाहिद कितने गुस्से वाले हैं .

अब और सजा न दो

अब और सजा न दो बहुत हो चुका अब तो मुस्करा दो.

अरे यार

अरे यार अब तो कह दो कि माफ़ किया.

समझाना तो दूर

समझाना तो दूर डरा और दिया

जैसे-जैसे हमारे प्यार में

जैसे-जैसे हमारे प्यार में कठिनाइयाँ बढती जा रही हैं, वैसे ही हमारा प्यार और भी गहरा होता चला जा रहा है.

मैं कितनी खुशकिस्मत हूँ

मैं कितनी खुशकिस्मत हूँ जो आप मुझे इतना प्यार करते हो.

मुझे अपने ही आप से

मुझे अपने ही आप से घुटन सी महसूस होती है.

जब दिल चाहे

जब दिल चाहे तो मिल भी नहीं सकते.

जब दिल चाहे

जब दिल चाहे तो मिल भी नहीं सकते.

मैं जानती हूँ

मैं जानती हूँ कि आप वहां पर किस तरह तड़प रहे होंगे  मुझसे बात करने के लिए .

जब प्यार किया है

जब प्यार किया है तो ये सब बर्दाश्त तो करना ही पड़ेगा .

अब हम आपसे

अब हम आपसे दूर नहीं रह सकते . 

इतनी ज्यादा याद आती है

इतनी ज्यादा याद आती है कि खुद को संभालना मुश्किल हो जाता है.

मुझे बहुत डर लगता है

मुझे बहुत डर लगता है कि मेरी ज़िन्दगी का क्या हाल होगा .

अब तो अपनी खुशियाँ

अब तो अपनी खुशियाँ लोगों की आँखों में काँटों की तरह चुभ रही हैं.

खुशियों के पहले ग़म मिल जाते हैं.

शाहिद अपने साथ ऐसा क्यूँ होता है कि खुशियों के पहले ग़म मिल जाते हैं.

आखिर कब तक

आखिर कब तक ऐसे घुट-घुट कर जीना होगा . नीी

आखिर कब तक

आखिर कब तक ऐसे घुट-घुट कर जीना होगा .सा

आंसू भी नहीं पोंछ सकते

हम आपके  ठीक से अभी आंसू भी नहीं पोंछ सकते हैं ये कैसी क़िस्मत है हमारी

बस आप इसी तरह

बस आप इसी तरह हँसते रहा कीजिये.

अब आपको

अब आपको क्या ?सा

मेरा एक सपना है

मेरा एक सपना है कि मैं आपको इंजीनियर में देखूं .

- अनीसा

हम आपको

हम आपको विश्वास दिलाने के लिए क्या करें ? आप ही बताईये वही हम करेंगे .

- अनीसा

सबसे पहले ख़त में लिखा था

तुमने अपने सबसे पहले ख़त में लिखा था कि मुझे सपने में तुम्हारे साथ रहना बहुत अच्छा लगता है. 'ऐ' ऐसा न सोचो नहीं तो शायद हम दोनों एक दूसरे के सपनों के ही दोस्त हो जाएँ और -------.

- शाहिद अजनबी

तुझे कसम है मेरी

तुझे कसम है मेरी , आज जी भर के देख लेने दे.

- शाहिद अजनबी

मेरी ज़िन्दगी के मालिक

मेरी ज़िन्दगी के मालिक तेरा हुक्म कैसे टालूँ.


- शाहिद अजनबी

क्या नज़र करूँ तुमको

क्या नज़र करूँ तुमको, क्या चीज हमारी है .


- शाहिद अजनबी

क्या तुम भी

क्या तुम भी मेरे  बारे में ऐसे सोचती हो जैसे आज मैं अपनी छत पर अकेला और बिलकुल अकेला , अपना बाएं हाथ बाएं गाल पर रखे हुए , तुम्हारा चेहरा देख रहा हूँ और तुम पता नहीं क्या -------?

- शाहिद अजनबी

जब मैं तुमसे मिलता हूँ

जब मैं तुमसे मिलता हूँ , तुम्हें देखता हूँ . फिर भी मुझे अपने आप पर यक़ीन नहीं होता कि मैं तुम्हारे क़रीब हूँ क्योंकि जुदाई के दिन इतने  ज्यादा हो जाते हैं कि---------.

- शाहिद अजनबी 

अंत में इस दुनिया में

अंत में इस  दुनिया में कुछ रह भी पायेगा या नहीं जब मैं कुछ भी आदान-प्रदान नहीं करूंगा तो स्वयं ही आपका आपके पास रहेगा.

- शाहिद अजनबी

'ऐ' क्यों मुझे ऐसा लगता है

'ऐ' क्यों मुझे ऐसा लगता है कि तुम किसी और को अपनी बाहों में भर लोगी और मुझे हमेशा -हमेशा के लिए अकेला और बिलकुल अकेला छोड़ दोगी.

- शाहिद अजनबी

तुम्हीं ने तो कहा था कि

तुम्हीं ने तो कहा था कि कुछ बचने दोगे या नहीं. शायद तुमने मुझे अपनी ----- समझा. नहीं ऐसा बिलकुल नहीं था . मैं तुम्हें जितना यहाँ ( इस समय ) पर प्यार करता हूँ उतना ही वहां ( तुमसे दूर रहकर ) भी करता हूँ. इसलिए इतने दिन दूर रहकर मैंने शायद सिद्ध कर दिया और तुम्हें विश्वास दिला दिया कि मैं तुमसे और सिर्फ तुमसे और केवल तुम्हारे दिल से प्यार करता हूँ. शायद अब तुम सोच रही होगी कि बड़ा अजीब व्यक्ति है. वास्तव में , मैं अपने आप से अजनबी हूँ, पर तुम्हारे दिल के करीब हूँ.

- शाहिद अजनबी

बड़ा खुशनसीब है वो

बड़ा खुशनसीब है वो जिसे तेरे आँचल का साया मिला.

- शाहिद अजनबी

एक बात हमेशा याद रखना

एक बात हमेशा याद रखना मेरे कहने और लिखने में कोई फर्क नहीं होता.


- शाहिद अजनबी

तुम मुझसे जुदा

तुम मुझसे जुदा हो जाओगी तो बोलो कैसे रह पाऊंगा ..

-  शाहिद अजनबी

Tuesday, November 18, 2014

प्रेमियों को साथ रोना नसीब नहीं हुआ

जिन प्रेमियों को साथ रोना नसीब नहीं हुआ, वे मुहब्बत के मजे क्या जानें .

- शाहिद अजनबी

मुझे तुमसे मुहब्बत है

मुझे तुमसे मुहब्बत है मगर मैं कह नहीं सकता.

- शाहिद अजनबी

नहीं-नहीं ये क्या है ?

नहीं-नहीं ये क्या है ? और ये विचार मेरे मन मंदिर में कैसे आये ? मैं इन विचारों को शब्द रुपी कोई नाम नहीं दे सकता.

- शाहिद अजनबी

मैं तुम्हें जितना भूलना चाहता हूँ

मैं तुम्हें जितना भूलना चाहता हूँ तुम उतनी ही याद आती हो ऐसा मेरे साथ क्यूँ होता है.

- शाहिद अजनबी 

मुबारक हो तुमको वो दिन

"मुबारक  हो तुमको वो दिन"

- शाहिद अजनबी 

इस समय मैं थोड़ा सा गुस्सा

इस समय मैं थोड़ा सा गुस्सा , मगर थोड़ा सा खुश भी हूँ . क्योंकि मैं जो तुम्हें लैटर लिख रहा हूँ . मैं किस प्रकार का व्यक्ति हूँ शायद , मेरा अपना दिल लेकर भी तुम मुझे न पहचान सकी .

- शाहिद अजनबी 

बिना डोरे के हम

बिना डोरे के हम तेरे तरफ खिंचे चले आ रहे हैं

- शाहिद अजनबी 

बीते हुए लम्हों

बीते हुए लम्हों की कसक साथ तो होगी.

- शाहिद अजनबी 

घर मेरे आ नहीं सकते

घर मेरे आ नहीं सकते तो मुझे ही बुलवाओ

- शाहिद अजनबी 

मुस्कुरा के हमें जीना है

मुस्कुरा के हमें जीना है , गुनगुनाना है.


- शाहिद अजनबी 

शायद लोग मेरी कवितायें पढने के बाद

शायद लोग मेरी कवितायें पढने के बाद यही कहेंगे कि एक ही टॉपिक पर और प्रत्येक कविता में एक ही बात झलक रही है. पर उनके ये कमेंट करने से पहले मैं ये कमेंट करना चाहूँगा कि एक ही बात को कितनी घुमाकर फिराकर लिखना क्या कोई साधारण कार्य है .

- शाहिद अजनबी 

Monday, November 17, 2014

तुम मेरी हो

तुम मेरी हो, मैं तेरा हूँ लेकिन अभी दुनिया वालों की नज़रों में तुम्हारा मेरे ऊपर और मेरा तुम्हारे ऊपर कोई अधिकार नहीं है.


- शाहिद अजनबी

तुम मुझे इतना परेशान करती हो

तुम मुझे इतना परेशान करती हो और अंत में दिल रोकर रह जाता है और आखिर में  , सोचता हूँ कि आखिर तुम हो तो मेरी --------.

- शाहिद अजनबी 

कब बनेगी तू मेरी दुल्हनियां

कब बनेगी तू मेरी दुल्हनियां . शायद अब तुम सोच रही होगी कि मुझे इतनी जल्दी क्यों है. यही तो मैं सोच रहा हूँ पता नहीं क्यों मुझे इतनी जल्दी है . 'ऐ' मुझे डर है कहीं कोई तुम्हें , मुझसे छीन न ले जाए .


- शाहिद अजनबी

मैं तुम्हारे इन नाजुक

मैं तुम्हारे इन नाजुक हाथों को मेंहदी में देखना चाहता हूँ. न जाने क्यूँ आज दिल ये कह रहा है .

- शाहिद अजनबी

मेरा बस चले

मेरा बस चले तो शादी के सारे रस्मो रिवाज मैं तो आज ही पूरा कर दूँ.

- शाहिद अजनबी

मेरी सबसे बड़ी कमी

मेरी सबसे बड़ी कमी कि मैं प्रत्येक व्यक्ति को अपना समझ लेता हूँ और जीवन के सारे सीक्रेट बता देता हूँ ऐसा करना मेरे लिए उचित नहीं है.

- शाहिद अजनबी

न जाने क्यूँ मेरा दिल

न जाने क्यूँ मेरा दिल तुम्हें छुप -छुप के देखना चाहता है कि तुम मुझे किस तरह याद करती हो.

- शाहिद अजनबी

मेरे अन्दर विश्वास

मेरे अन्दर विश्वास नाम की कोई चीज क्यों नहीं रही.

- शाहिद अजनबी

जितना तुमने मुझे तड़पाया है

जितना तुमने मुझे तड़पाया है , शायद ही है दुनिया में किसी ने किसी को तड़पाया हो.

+Shahid Mansoori 

ख्वाब देखना अच्छा नहीं होता

ख्वाब देखना अच्छा नहीं होता लोग कहते हैं, मगर ये भी तो है कि मन में जो बात Firm कर लो वो काम कठिन नहीं होता .

+Shahid Mansoori 

प्यार करने वालों का इतिहास

प्यार करने वालों का इतिहास हमेशा दुःख से भरा रहा मगर शायद अब इन पन्नों पर कुछ और लिखा जायेगा जिसमें होगी चाहत और मुहब्बत की प्यार की कहानी जिसके ......

+Shahid Ajnabi 

Tuesday, November 11, 2014

ओ मेरे ख्वाबों

ओ मेरे ख्वाबों की मलिका
29.04.98

मेरी धड़कन

मेरी धड़कन

+Shahid Ajnabi 

मेरी जिंदगानी

मेरी जिंदगानी


+Shahid Ajnabi 

मेरी दुल्हन

मेरी दुल्हन


+Shahid Ajnabi 

मेरी जान

मेरी जान


+Shahid Ajnabi 

हर पल सताने वाला

हर पल सताने वाला

+Shahid Ajnabi 

सबसे अलग

सबसे अलग

+Shahid Ajnabi 

सबसे जुदा

सबसे जुदा

तुम्हारा हमराही

तुम्हारा हमराही

+Shahid Ajnabi 

सपनों का राजा

सपनों का राजा


+Shahid Ajnabi 

तुम्हारा हमनवा

तुम्हारा हमनवा


+Shahid Ajnabi 

तुम्हारा हमसफ़र

तुम्हारा हमसफ़र

+Shahid Ajnabi 

तुम्हारा प्यार

तुम्हारा  प्यार

+Shahid Ajnabi 

एक तुम्हारा

एक तुम्हारा

+ Shahid Ajnabi

दिल की आवाज़

दिल की आवाज़


+Shahid Ajnabi 

मन की पुकार

मन की पुकार

+Shahid Ajnabi 

दिल का चैन

दिल का चैन


+Shahid Ajnabi 

हर पल आँखों में रहने वाला

हर पल आँखों में रहने वाला

+Shahid Ajnabi 

हर अदा का दीवाना

हर अदा का दीवाना


+Shahid Ajnabi 

आने वाला कल

आने वाला कल


+Shahid Ajnabi 

एक दीवाना

एक दीवाना


+Shahid Ajnabi 

एक पागल

एक पागल


+Shahid Ajnabi 

तुम्हारा - अगली कड़ी

तुम्हारा - अगली कड़ी


+Shahid Ajnabi 

दिल के क़रीब

दिल के  क़रीब मन के पास
यादों के आईने में रहने वाले !
+Shahid Ajnabi

ओ मुझ जैसे राजा की रानी

ओ मुझ जैसे राजा की रानी

+Shahid Ajnabi